भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मित्र हमारे / सूर्यकुमार पांडेय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सूर्यकुमार पांडेय |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
21:56, 4 सितम्बर 2025 के समय का अवतरण
जिनके साथ ख़ुशी से रहते,
जिनसे मन की बातें कहते,
वे हैं सच्चे मित्र हमारे ।
जिनसे अपने मन मिलते हैं,
भीतर नए फूल खिलते हैं ।
वे हैं अच्छे मित्र हमारे ।
जिनके साथ करें हम चैटिंग,
जिनके साथ करें हम बैटिंग ।
वे हैं सारे मित्र हमारे ।
जिनसे हों पढ़ने की बातें,
काम मुश्किलों में जो आते,
वे हैं प्यारे मित्र हमारे ।
