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"अमीरे-शहर की हमने कई उपलब्धियाँ देखीं / ज्ञान प्रकाश विवेक" के अवतरणों में अंतर
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अमीरे-शहर की हमने कई उपलब्धियाँ देखीं
कि मुर्दा जिस्म देखे और ज़िन्दा वर्दियाँ देखीं
जलाकर रख दिए हमने पुराने लैम्प रस्तों पर
दीयों को धमकियाँ देते हुए जब आँधियाँ देखीं
उन्होंनें कार पर शीशा चढ़ाया, आँख पर चश्मा
उन्होंने इस तरह आकर हमारी बस्तियाँ देखीं
दरख़्तों के पुजारी आए थे जो प्रार्थना करने
यही अफ़सोस कि हाथों में उनके आरियाँ देखीं
बड़े उत्साह से इस बार हमने बीज डाले थे
बहुत सूखी हुईं इस बार हमने क्यारियाँ देखीं
वो बस्ते में किताबें-कापियाँ रखता-हटाता था
कि इक बच्चे की हमने इस क़दर सरगर्मियाँ देखीं.