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"इमारतें / तुलसी रमण" के अवतरणों में अंतर

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लेकिन हरेक की
 
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नींव रखने के साथ ही
 
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मिट्टी में धँसी हुई
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मिट्टी में धँसी हुईं
आस-पास उगी है
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आस-पास उगी हैं
 
अनेक झुग्गियाँ
 
अनेक झुग्गियाँ
 
जिनके बिना
 
जिनके बिना

03:54, 23 दिसम्बर 2008 का अवतरण

माना ऊँची
बहुत ऊँची
बन रही हैं इमारतें
आसमान को छूती हुई
लेकिन हरेक की
नींव रखने के साथ ही
मिट्टी में धँसी हुईं
आस-पास उगी हैं
अनेक झुग्गियाँ
जिनके बिना
कुछ भी नहीं
ये इमारतें।