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"देर तक सोना चाहता हूँ / रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति" के अवतरणों में अंतर
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− | स्कूल की बेल बजे तो खिड़की मे | + | हवा आएगी और मेरे कान पकडे़गी |
− | हवा पढ़ लेगी और मैं सुन लूंगा अपना पाठ | + | किरणें बिस्तर में आकर गुदगुदाएंगी |
− | मुझे कोई भी जल्दी मत जगाना | + | मैं जाग जाऊंगा |
− | आज मैं देर तक सोना चाहता हूँ < | + | माँ मुझे दुबका रहने दो |
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+ | स्कूल की बेल बजे तो खिड़की मे क़िताब रख देना | ||
+ | हवा पढ़ लेगी और मैं सुन लूंगा अपना पाठ | ||
+ | मुझे कोई भी जल्दी मत जगाना | ||
+ | आज मैं देर तक सोना चाहता हूँ | ||
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21:30, 28 दिसम्बर 2008 के समय का अवतरण
पापा मत कहो कि सुबह हो गई है
मुझे देर तक सोना है
खिड़कियाँ खोल दो और चले जाओ
मुझे स्कूल की याद मत दिलाओ
हवा आएगी और मेरे कान पकडे़गी
किरणें बिस्तर में आकर गुदगुदाएंगी
मैं जाग जाऊंगा
माँ मुझे दुबका रहने दो
स्कूल की बेल बजे तो खिड़की मे क़िताब रख देना
हवा पढ़ लेगी और मैं सुन लूंगा अपना पाठ
मुझे कोई भी जल्दी मत जगाना
आज मैं देर तक सोना चाहता हूँ