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"कोंकाबेली / प्रयाग शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=अधूरी चीज़ें तमाम / प्रयाग शुक्ल
 
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उगी है कोंकाबेली
 
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पानी में--
 
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फूलती थी जैसे बचपन में ।
 
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पौधे ये और
 
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फूल ये और
 
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सुबह ये और
 
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पर फूली है
 
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कोंकाबेली
 
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फूलती थी जैसे
 
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मेरे बचपन के
 
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इस
 
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17:34, 1 जनवरी 2009 के समय का अवतरण

उगी है कोंकाबेली
फूली
पानी में--
फूलती थी जैसे बचपन में ।

पौधे ये और
फूल ये और
सुबह ये और

पर फूली है
कोंकाबेली
फूलती थी जैसे
मेरे बचपन के
इस
गाँव में !