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जब चाहा दिल को समझें, हँसने की आवाज सुनी | जब चाहा दिल को समझें, हँसने की आवाज सुनी | ||
− | + | जैसे कोई कहता हो, ले फिर तुझको मात मिली | |
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मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर | मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर | ||
− | + | दिल-सा साथी जब पाया, बेचैनी भी साथ मिली | |
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होंठों तक आते आते, जाने कितने रूप भरे | होंठों तक आते आते, जाने कितने रूप भरे | ||
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जलती-बुझती आँखों में, सादा सी जो बात मिली | जलती-बुझती आँखों में, सादा सी जो बात मिली | ||
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06:53, 7 जनवरी 2009 का अवतरण
टुकड़े-टुकड़े दिन बीता, धज्जी-धज्जी रात मिली
जितना-जितना आँचल था, उतनी ही सौगात मिली
रिमझिम-रिमझिम बूँदों में, ज़हर भी है और अमृत भी
आँखें हँस दीं दिल रोया, यह अच्छी बरसात मिली
जब चाहा दिल को समझें, हँसने की आवाज सुनी
जैसे कोई कहता हो, ले फिर तुझको मात मिली
मातें कैसी घातें क्या, चलते रहना आठ पहर
दिल-सा साथी जब पाया, बेचैनी भी साथ मिली
होंठों तक आते आते, जाने कितने रूप भरे
जलती-बुझती आँखों में, सादा सी जो बात मिली