भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
* [[ज़रा झाँक कर ख़ुद से बाहर तो देखो / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
* [[मिली है ज़ेह्न—ओ—दिल को बेकली क्या / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
* [[लौट कर आए हो अपनी मान्यताओं के खिलाफ़ / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
* [[उस आदमी का ग़ज़लें कहना क़ुसूर होगा / द्विजेन्द्र 'द्विज']]
* [[हर गली, हर मोड़ पर अब जा बँधे शर्तों में लोग / द्विजेन्द्र 'द्विज']]