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"बर्फ़ के तारे / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का" के अवतरणों में अंतर

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'''अनुवाद : गुलशेर खान शानी'''
 
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08:57, 19 जनवरी 2009 का अवतरण

पहाड़ियाँ चाहती हैं पानी हो जायें
और पीठ में खोजती हैं वे
टिकने के लिए
सितारे

अनुवाद : गुलशेर खान शानी