भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"काली मिट्टी/ केदारनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) छो ("काली मिट्टी/ केदारनाथ सिंह" सुरक्षित कर दिया [edit=sysop:move=sysop]) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:05, 19 जनवरी 2009 का अवतरण
काली मिट्टी काले घर
दिन भर बैठे-ठाले घर
काली नदिया काला धन
सूख रहे हैं सारे बन
काला सूरज काले हाथ
झुके हुए हैं सारे माथ
काली बहसें काला न्याय
ख़ाली मेज़ पी रही चाय
काले अक्षर काली रात
कौन करे अब किससे बात
काली जनता काला क्रोध
काला-काला है युगबोध