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"एक मुकुट की तरह/ केदारनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर
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उड़े जा रहे थे पक्षी | उड़े जा रहे थे पक्षी | ||
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मैंने दूर से देखा | मैंने दूर से देखा | ||
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और मैं वहीं से चिल्लाया | और मैं वहीं से चिल्लाया | ||
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12:06, 19 जनवरी 2009 का अवतरण
पृथ्वी के ललाट पर
एक मुकुट की तरह
उड़े जा रहे थे पक्षी
मैंने दूर से देखा
और मैं वहीं से चिल्लाया
बधाई हो
पृथ्वी, बधाई हो !