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"मैं तथा मैं (अधूरी तथा कुछ पूरी कविताएँ) - 4 / नवीन सागर" के अवतरणों में अंतर

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14:04, 19 जनवरी 2009 का अवतरण

आधी रात
दस्तक दरवाज़े पर
मैं नींद के बाहर

दरवाज़ा खोलकर
सामने
किसी की जगह कोई नहीं
आकार

जहाँ नहीं वहाँ घूरता
क्या नहीं है उस
खाली जगह में जिसकी
पीठ इस तरह
उस तरफ़ अन्धकार।