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Kavita Kosh से
* [[परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता / बशीर बद्र]]
* [[मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला / बशीर बद्र]]
* [[इन आंखों से दिन रात बरसात होगी / बशीर बद्र]]
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