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"रंग है दिल का मेरे / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़" के अवतरणों में अंतर

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22:26, 3 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

तुम न आये थे तो हर चीज़ वहीं थी कि जो है
आसमां हद्दे-नज़र, राहगुज़र राहगुज़र, शीशा-ए-मय शीशा-ए-मय

और अब शीशा-ए-मय, राहगुज़र, रंग-ए-फलक
रंग है दिल का मेरे खूने-जिगर होने तक
चम्पई रंग कभी, राहते-दीदार का रंग
सुर्मई रंग की है साअते-बेज़ार का रंग
ज़र्द पत्तों का, खसो-खार का रंग
सुर्ख फूलों का, दहकते हुए गुलज़ार का रंग
ज़हर का रंग, लहू रंग, शबे-तार का रंग
आसमां, राहगुज़र, शीशा-ए-मय
कोई भीग हुआ दामन, कोई दुखती हुई रग
कोई हर लहज़ा बदलता हुआ आईना है

अब जो आये हो तो ठहरो कि कोई रंग, कोई रुत, कोई शै
एक जगह पर ठहरे
फिर से इक बार हर एक चीज़ वहीं हो कि जो है
आसमां हद्दे-नज़र, राहगुज़र राहगुज़र, शीशा-ए-मय शीशा-ए-मय