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"जब यार देखा नैन भर / अमीर खुसरो" के अवतरणों में अंतर

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जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर  
 
जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर  
 
 
ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर ।
 
ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर ।
 
  
 
जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
 
जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
 
 
हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर ।  
 
हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर ।  
 
  
 
तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
 
तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
 
 
तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर ।   
 
तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर ।   
 
  
 
जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ
 
जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ
 
 
तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर ।   
 
तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर ।   
 
  
 
मेरी जो मन तुम ने लिया, तुम उठा गम को दिया
 
मेरी जो मन तुम ने लिया, तुम उठा गम को दिया
 
 
तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर ।   
 
तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर ।   
 
  
 
खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब
 
खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब
 
 
कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर ।
 
कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर ।
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01:46, 4 फ़रवरी 2009 का अवतरण

जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर ।

जब आँख से ओझल भया, तड़पन लगा मेरा जिया
हक्का इलाही क्या किया, आँसू चले भर लाय कर ।

तू तो हमारा यार है, तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसियार है एक शब मिली तुम आय कर ।

जाना तलब तेरी करूँ दीगर तलब किसकी करूँ
तेरी जो चिंता दिल धरूँ, एक दिन मिलो तुम आय कर ।

मेरी जो मन तुम ने लिया, तुम उठा गम को दिया
तुमने मुझे ऐसा किया, जैसा पतंगा आग पर ।

खुसरो कहै बातों ग़ज़ब, दिल में न लावे कुछ अजब
कुदरत खुदा की है अजब, जब जिव दिया गुल लाय कर ।