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"तुम्हें उदासी क्यों घेरती है / उदयन वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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लिए हैं। तुम मुझे कोस सकते हो लेकिन अपने दुखों को पाने यहाँ  आना ही मेरा
 
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होना है और मुझे वहाँ तक पहुँचाना  तुम्हारा । तुम्हारे हिस्से आना था दुख सहना
 
होना है और मुझे वहाँ तक पहुँचाना  तुम्हारा । तुम्हारे हिस्से आना था दुख सहना
और मेरे हिस्से पूर्व जन्म के दुखॊम को खोई जागीर की तरह पाना ।"
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और मेरे हिस्से पूर्व जन्म के दुखों को खोई जागीर की तरह पाना ।"
  
 
वह उसे अपनी खिड़की से धीरे-धीरे ओझिल होते देखता है ।"
 
वह उसे अपनी खिड़की से धीरे-धीरे ओझिल होते देखता है ।"
 
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01:50, 4 फ़रवरी 2009 का अवतरण

"तुम्हें उदासी क्यों घेरती है, पिछले जन्मों में मेरे जो दुख यहाँ छूट गए थे, मैं
तो उन्हें उठाने आई थी। हमारे प्रेम की बुनावट में छिपा था वह नक्शा जिससे मैं
अपने दुखों तक पहुँच सकती थी। देखो, मैंने उसके सहारे अपने दुख दोबारा पा
लिए हैं। तुम मुझे कोस सकते हो लेकिन अपने दुखों को पाने यहाँ आना ही मेरा
होना है और मुझे वहाँ तक पहुँचाना तुम्हारा । तुम्हारे हिस्से आना था दुख सहना
और मेरे हिस्से पूर्व जन्म के दुखों को खोई जागीर की तरह पाना ।"

वह उसे अपनी खिड़की से धीरे-धीरे ओझिल होते देखता है ।"