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"मैं जो रास्ते पे चल पड़ी / मीना कुमारी" के अवतरणों में अंतर
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मेरे पाँव भी थमते नहीं | मेरे पाँव भी थमते नहीं | ||
मेरी आह भी गिरती नहीं | मेरी आह भी गिरती नहीं | ||
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मेरा दम ही कुछ ऐसे रुका | मेरा दम ही कुछ ऐसे रुका | ||
मैं कि रास्ते पे चल पड़ी | मैं कि रास्ते पे चल पड़ी | ||
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01:51, 4 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
मैं जो रास्ते पे चल पड़ी
मुझे मंदिरों ने दी निदा
मुझे मस्जिदों ने दी सज़ा
मैं जो रास्ते पे चल पड़ी
मेरी साँस भी रुकती नहीं
मेरे पाँव भी थमते नहीं
मेरी आह भी गिरती नहीं
मेरे हात जो बड़ते नहीं
कि मैं रास्ते पे चल पड़ी
यह जो ज़ख़्म कि भरते नहीं
यही ग़म हैं जो मरते नहीं
इनसे मिली मुझको क़ज़ा
मुझे साहिलों ने दी सज़ा
कि मैं रास्ते पे चल पड़ी
सभी की आँखें सुर्ख़ हैं
सभी के चेहरे ज़र्द हैं
क्यों नक्शे पा आएं नज़र
यह तो रास्ते की ग़र्द हैं
मेरा दर्द कुछ ऐसे बहा
मेरा दम ही कुछ ऐसे रुका
मैं कि रास्ते पे चल पड़ी