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"सियाह नक़ाब में उसका संदली चेहरा / मीना कुमारी" के अवतरणों में अंतर

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01:55, 4 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

सियाह नक़ाब में उसका संदली चेहरा
जैसे रात की तारीकी में
किसी ख़ानक़ाह का
खुला और रौशन ताक़
जहां मोमबत्तियाँ जल रही हो
ख़ामोश
बेज़बान मोमबत्तियाँ
या
वह सुनहरी जिल्दवाली किताब जो
ग़मगीन मुहब्बत के मुक़द्दस अशआर से मुंतख़ीब हो

एक पाकीज़ा मंज़र
सियाह नक़ाब में उसका संदली चेहरा