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मुझे उत्तर चाहिए
आकाश के ओर-छोर को मिलाता
इन्द्रधनुष सा
कोई उत्तर चाहिए
गुंजलकों बिना
लंबे बालों में
बिना रोक-टोक
कंघी सा घूमता
कोई उत्तर चाहिए
झरोखे में जलते दीपक-सा
संदेह के झोंकों से दूर
निष्कंप और प्रामाणिक-सा
कोई उत्तर चाहिए
बर्फ़ानी काली रातों में
घटाटोप गिरती हो जब बर्फ़
तो अंगेठे में
ही बान की लकड़ी सा सुलगता
मुझे कोई उत्तर चाहिए
संवेदनहीन हृदय
जब हो रहा हो पत्थर
तो मुझे
प्रथम प्रेम के आवेग-सा
कोई उत्तर चाहिए
आत्मा पर जब
पड़ रहा हो
असहनीय दबाव
तो धुनियाँ की धुनकी-सा
मुझे कोई उत्तर चाहिए।