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"मैं अमर हो जाता / तेज राम शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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12:12, 4 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
अंधकार के गर्भ से
आसमान को चीरते
सोने की कलम से
मेरे माथे पर उकेर दो
स्वर्णिम अक्षर
बर्फ़ के शिखर से
उडेल दो
स्वर्ण मुद्राओं की ढेरों थैलियाँ
आओ
समय की बेड़ियों के मीठे दर्द से
मुझे मुक्त करो
हरी भरी चरागाह में
मुझे उन्मुक्त मेमना बन जाने दो
मैं अमर हो जाता
यदि आकणठ पी सकता
किरण बिंध एक ओस कण को
मैं अमर हो जाता
यदि बादलों को आलिंगन करते
थक न जाता
मैं चुप हो जाता
यदि सुन सकता
पर्वत शिखर पर
किरणों की पदचाप।