भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मुट्ठी भर / तेज राम शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तेज राम शर्मा |संग्रह=बंदनवार / तेज राम शर्मा}} [[Cate...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:55, 4 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
बचपन में
माँ मुट्ठी भर आटा
रोज़ परात से एक कनस्तर में
डालती थी
सदाव्रत के लिए
नियम अटल था
बस मुट्ठी भर
पर मेरी उंगलियों के बीच से
रेत की तरह फिसल रहे हैं
मुट्ठी भर सपने
मुट्ठी भर हवा
मुट्ठी भर आकाश
मुट्ठी भर धूप
मुट्ठी भर देश भी।