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जब सब वाह वाह कर रहे हों
 
जब सब वाह वाह कर रहे हों
 
 
जब पूरे मुल्क में एक ही नाम का जाप हो
 
जब पूरे मुल्क में एक ही नाम का जाप हो
 
 
तब मैं उठूंगा और कहूंगा--
 
तब मैं उठूंगा और कहूंगा--
 
 
और सब तो ठीक, पर उस इन्सान में
 
और सब तो ठीक, पर उस इन्सान में
 
 
एक ख़राबी भी थी,
 
एक ख़राबी भी थी,
 
 
वो यह कि लोग जब खाने बैठते
 
वो यह कि लोग जब खाने बैठते
 
 
वह नाक में उंगली कोंच लेता ।
 
वह नाक में उंगली कोंच लेता ।
 
  
 
जब सब थू थू कर रहे हों
 
जब सब थू थू कर रहे हों
 
 
जब मौत के बाद भी फाँसी की मांग हो
 
जब मौत के बाद भी फाँसी की मांग हो
 
 
तब मैं उठूंगा और कहूंगा--
 
तब मैं उठूंगा और कहूंगा--
 
 
ख़ुदा के बन्दों, उस हैवान में एक
 
ख़ुदा के बन्दों, उस हैवान में एक
 
 
अच्छाई भी थी,
 
अच्छाई भी थी,
 
 
वो यह कि जब लोग एक साथ सोए
 
वो यह कि जब लोग एक साथ सोए
 
 
उसने कभी अकेले मसहरी नहीं बाँधी ।
 
उसने कभी अकेले मसहरी नहीं बाँधी ।
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12:19, 5 फ़रवरी 2009 का अवतरण

जब सब वाह वाह कर रहे हों
जब पूरे मुल्क में एक ही नाम का जाप हो
तब मैं उठूंगा और कहूंगा--
और सब तो ठीक, पर उस इन्सान में
एक ख़राबी भी थी,
वो यह कि लोग जब खाने बैठते
वह नाक में उंगली कोंच लेता ।

जब सब थू थू कर रहे हों
जब मौत के बाद भी फाँसी की मांग हो
तब मैं उठूंगा और कहूंगा--
ख़ुदा के बन्दों, उस हैवान में एक
अच्छाई भी थी,
वो यह कि जब लोग एक साथ सोए
उसने कभी अकेले मसहरी नहीं बाँधी ।