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"शोक / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर
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इस अंचल की एक इंच भूमि भी | इस अंचल की एक इंच भूमि भी | ||
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ऎसी नहीं कि जहाँ होकर गुज़री न हो | ऎसी नहीं कि जहाँ होकर गुज़री न हो | ||
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यह नदी | यह नदी | ||
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पर क्रोध नहीं शोक है मुझे कि | पर क्रोध नहीं शोक है मुझे कि | ||
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बार बार जो पोंछती रही अपने ही छाप | बार बार जो पोंछती रही अपने ही छाप | ||
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जो एक पल कभी बैठी नहीं थिर | जो एक पल कभी बैठी नहीं थिर | ||
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पा न सकी वो रास्त अब तक | पा न सकी वो रास्त अब तक | ||
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जिसे ढूँढती फिरी सारी धरती उकटेर । | जिसे ढूँढती फिरी सारी धरती उकटेर । | ||
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12:20, 5 फ़रवरी 2009 का अवतरण
इस अंचल की एक इंच भूमि भी
ऎसी नहीं कि जहाँ होकर गुज़री न हो
यह नदी
पर क्रोध नहीं शोक है मुझे कि
बार बार जो बदलती रही रास्ता
बार बार जो पोंछती रही अपने ही छाप
जो एक पल कभी बैठी नहीं थिर
पा न सकी वो रास्त अब तक
जिसे ढूँढती फिरी सारी धरती उकटेर ।