भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"वायदा / ओमप्रकाश सारस्वत" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओमप्रकाश सारस्वत |संग्रह=एक टुकड़ा धूप / ओमप्रक...)
 
(कोई अंतर नहीं)

02:54, 6 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

ज़िन्दगी !
जब तक चलोगी तुम
तुम्हारा साथ देंगे

और जाओ थक
या इस अति भीड़ में
तुम भूल जाओगे पथ
तो हिम्मत हारना न

क्योंकि इस पथ पर
थके जीवन का साथी ;
मौत भी है कि

इसलिए
इस मृत्यु के बढ़ते
निरन्तर कारवाँ के संग आ जाना

शुभे!
हम वायदा करते हैं
इन जानलेवा घाटियों के
हर पड़ाव पर ही

हम कर रहें होगे
तेरा फिर इंतज़ार