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"स्ट्रीट लाईट / केशव" के अवतरणों में अंतर
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03:30, 6 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
बहुत दूर तक नहीं जाती
जाती है जहां तक भी
हर चीज को उसकी
पहचान दिलाती
कोई अंधेरा
नहीं छीन सकता
उसका यह अधिकार
हो कितना भी गहरा
न खोजती है
न टटोलती
अपने दायरे में
आने वाली हर चीज
चुपके से उठा
धर देती है
हथेलियों पर
फिर उससे हम खेलें
या रख लें किसी चोर जेब में
इससे नहीं उसका वास्ता
उसका वास्ता
सिर्फ पहचान करवाने का है
थोपने का नहीं।