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"आने वाले दिनों में क्या होगा.. / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

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किसने जाना कि कल है क्या होगा<br>
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कुरबतें  या के फ़ासला होगा<br><br>
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|रचनाकार= श्रद्धा जैन
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आज  रोया है वो तो रोने दो<br>
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किसने जाना कि कल है क्या होगा
हो न हो ख़ुद से वो मिला होगा<br><br>
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कुरबतें  या के फ़ासला होगा
  
चाँद जो पल में बन गया मिट्टी<br>
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आज रोया है वो तो रोने दो
रात दिन किस तरह जला होगा<br><br>
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हो न हो ख़ुद से वो मिला होगा
  
ज़ुल्म करता नहीं वो बन्दों पर<br>
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चाँद जो पल में बन गया मिट्टी
आज दुनिया का रब जुदा होगा<br><br>
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रात दिन किस तरह जला होगा
  
यूँ न ढूँढों यहाँ वफ़ा  "श्रद्धा"<br>
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ज़ुल्म करता नहीं वो बन्दों पर
तन्हा-तन्हा-सा रास्ता होगा<br><br>
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आज दुनिया का रब जुदा  होगा
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यूँ न ढूँढों यहाँ वफ़ा  "श्रद्धा"

23:07, 6 फ़रवरी 2009 का अवतरण


किसने जाना कि कल है क्या होगा
कुरबतें या के फ़ासला होगा

आज रोया है वो तो रोने दो
हो न हो ख़ुद से वो मिला होगा

चाँद जो पल में बन गया मिट्टी
रात दिन किस तरह जला होगा

ज़ुल्म करता नहीं वो बन्दों पर
आज दुनिया का रब जुदा होगा

यूँ न ढूँढों यहाँ वफ़ा "श्रद्धा"