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08:50, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

दुख के

डर के

हताशा के

गर्हित बिन्दुओं पर

यह न कहना

कि ह्रासोन्मुख

प्रतिगामी यह मृत्यु

मंज़ूर है हमें ।


असमंजस की

कुहरिल पर्तों को

तोड़ने का

हज़ार-हज़ार बाहों को

मुक्ति के संकल्प से--

जोड़ने का साहस

हमारी सम्पदा है

हज़ारों वर्ग-मील में

शामिल हैं हम ।