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"सयाने हो गये हैं शब्द / केशव" के अवतरणों में अंतर

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21:03, 7 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

सयाने हो गये हैं शब्द
बेशक
पर इतने भी नहीं
कि हर रहस्य को
धर दें
अनंतकाल से प्रतीक्षारत हथेलियों पर
समूची प्रार्थनाओं की एवज में
एक ख़ुली किताब की तरह
एक सितारे की तरह
रोशन कर दें
तमाम-तमाम रातें
कि सूंघ सके हम
उस सत्य को
जो शब्दों की सड़क से होकर नहीं
ज़िंदगी की पगडंडी से होकर
बदल दे
शब्दों के आधे बंजर को भी
लहलाती फसल में।