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"डर लगता है / शक्ति चटोपाध्‍याय" के अवतरणों में अंतर

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एक आदमी  
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एक आदमी<br />
अचानक ताली बजाकर शब्‍द करता है
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अचानक ताली बजाकर शब्‍द करता है<br />
क्‍योंकि पत्‍थर को देख उसे डर लगता है
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क्‍योंकि पत्‍थर को देख उसे डर लगता है<br />
उसे डर लगता है
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उसे डर लगता है<br />
कि कहीं स्‍वयं वह पत्‍थर तो नहीं !  
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कि कहीं स्‍वयं वह पत्‍थर तो नहीं ! <br /><br />
  
आदमी और पत्‍थर
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आदमी और पत्‍थर<br />
यदि भर लेंगे एक दूसरे को बांहों में
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यदि भर लेंगे एक दूसरे को बांहों में<br />
तो उससे पैदा होगी आग !
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तो उससे पैदा होगी आग !<br />
इसीलिए डरता है आदमी
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इसीलिए डरता है आदमी<br />
आदमी को देखकर
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आदमी को देखकर<br />
  
वह घने जंगलों में जाता है
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वह घने जंगलों में जाता है<br />
पर नहीं डरता
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पर नहीं डरता<br />
वहां वह देखता है बाघ के पंजों के निशान
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वहां वह देखता है बाघ के पंजों के निशान<br />
पर वे उसे लगते हैं
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पर वे उसे लगते हैं<br />
लक्ष्‍मी के पैरों की छाप की तरह शुभ
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लक्ष्‍मी के पैरों की छाप की तरह शुभ<br />
पर आदमी को डर लगता है
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पर आदमी को डर लगता है<br />
धूप से,अगरबत्‍ती की गंध से
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धूप से,अगरबत्‍ती की गंध से<br />
आदमी को डर लगता है
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आदमी को डर लगता है<br />
आदमी से !
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आदमी से !<br />

20:38, 10 फ़रवरी 2009 का अवतरण

एक आदमी
अचानक ताली बजाकर शब्‍द करता है
क्‍योंकि पत्‍थर को देख उसे डर लगता है
उसे डर लगता है
कि कहीं स्‍वयं वह पत्‍थर तो नहीं !

आदमी और पत्‍थर
यदि भर लेंगे एक दूसरे को बांहों में
तो उससे पैदा होगी आग !
इसीलिए डरता है आदमी
आदमी को देखकर

वह घने जंगलों में जाता है
पर नहीं डरता
वहां वह देखता है बाघ के पंजों के निशान
पर वे उसे लगते हैं
लक्ष्‍मी के पैरों की छाप की तरह शुभ
पर आदमी को डर लगता है
धूप से,अगरबत्‍ती की गंध से
आदमी को डर लगता है
आदमी से !