भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वसन्त / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार =रघुवीर सहाय }} <poem> वही आदर्श मौसम और मन में कुछ टू...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
05:28, 15 फ़रवरी 2009 का अवतरण
वही आदर्श मौसम
और मन में कुछ टूटता-सा :
अनुभव से जो जानता हूँ कि यह वसन्त है।
(1953)