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"प्रतीक्षा / रघुवीर सहाय" के अवतरणों में अंतर

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19:14, 16 फ़रवरी 2009 का अवतरण

दूसरे तीसरे
जब इधर से निकलता हूँ
देखता हूँ,
अरे, इस वर्ष गुलमोहर में
अभी तक फूल नहीं आया

- इसी तरह आशा करते रहना
कितना अच्छा है
विश्वास रहता है कि वह प्रज्वलित
मैं भूल नहीं आया।