भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मैंने अपने गानों को जन्म दिया / रवीन्द्रनाथ त्यागी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रवीन्द्रनाथ त्यागी |संग्रह= }} <poem> मैंने अपने गान...)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:09, 17 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

मैंने अपने गानों को जन्म दिया
एकदम चुपचाप-अकेले,
पर फिर भी एक दिन
उन सबके कण्ठ खुले,
और एक सुबह
- पंख उगे पक्षियों की तरह
वे रोके न रुके
उड़ निकले;
कुछ ने आशीर्वाद दिया
कुछ मुस्कराए;
और
मेरी आँखों से
ख़ुशी के - डर के
दो आँसू बह निकले।