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"मैंने अपने गानों को जन्म दिया / रवीन्द्रनाथ त्यागी" के अवतरणों में अंतर
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00:09, 17 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण
मैंने अपने गानों को जन्म दिया
एकदम चुपचाप-अकेले,
पर फिर भी एक दिन
उन सबके कण्ठ खुले,
और एक सुबह
- पंख उगे पक्षियों की तरह
वे रोके न रुके
उड़ निकले;
कुछ ने आशीर्वाद दिया
कुछ मुस्कराए;
और
मेरी आँखों से
ख़ुशी के - डर के
दो आँसू बह निकले।