"बाकू के एक प्रसूतिगृह के दरवाज़े पर / येव्गेनी येव्तुशेंको" के अवतरणों में अंतर
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एक प्रसूतिगृह के दरवाज़े पर | एक प्रसूतिगृह के दरवाज़े पर | ||
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एक बूढ़ी आया ने | एक बूढ़ी आया ने | ||
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दंगाइयों को धमकाते हुए कहा-- | दंगाइयों को धमकाते हुए कहा-- | ||
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हटो, पीछे हटो, | हटो, पीछे हटो, | ||
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मैं हमेशा ही रला-मिला देती थी | मैं हमेशा ही रला-मिला देती थी | ||
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शिशुओं के हाथों में बंधे टैग | शिशुओं के हाथों में बंधे टैग | ||
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अब यह जानना बेहद कठिन है | अब यह जानना बेहद कठिन है | ||
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कि तुममें कौन है अरमेनियाई | कि तुममें कौन है अरमेनियाई | ||
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और कौन अज़रबैजानी... | और कौन अज़रबैजानी... | ||
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और दंगाई... | और दंगाई... | ||
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साइकिल की चेन, ईंट-पत्थरों, चाकू-छुरियों | साइकिल की चेन, ईंट-पत्थरों, चाकू-छुरियों | ||
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और लोहे की छड़ों से लैस दंगाई | और लोहे की छड़ों से लैस दंगाई | ||
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पीछे हट गए | पीछे हट गए | ||
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पर उनमें से कुछ चीखे--छिनाल | पर उनमें से कुछ चीखे--छिनाल | ||
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उस बुढ़िया की | उस बुढ़िया की | ||
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पीठ के पीछे छिपे हुए थे | पीठ के पीछे छिपे हुए थे | ||
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डरे हुए लोग | डरे हुए लोग | ||
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और रिरिया रहे थे अपनी जाति से अनजान | और रिरिया रहे थे अपनी जाति से अनजान | ||
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हममें से हर एक की रगों में | हममें से हर एक की रगों में | ||
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रक्त का है सम्मिश्रण | रक्त का है सम्मिश्रण | ||
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हर यहूदी अरब भी है | हर यहूदी अरब भी है | ||
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हर अरब है यहूदी | हर अरब है यहूदी | ||
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और यदि कभी कोई भीगा किसी के रक्त में | और यदि कभी कोई भीगा किसी के रक्त में | ||
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तो मूर्खतावश, अंधा होकर | तो मूर्खतावश, अंधा होकर | ||
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भीगा अपने ही रक्त में | भीगा अपने ही रक्त में | ||
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एक ही प्रसूतिगृह के हैं हम | एक ही प्रसूतिगृह के हैं हम | ||
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पर प्रभु ने बदल डाले हमारे टैग | पर प्रभु ने बदल डाले हमारे टैग | ||
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हमारे जनम के कठिन दौर के पहले ही | हमारे जनम के कठिन दौर के पहले ही | ||
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और हमारा हर दंगा | और हमारा हर दंगा | ||
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अब ख़ुद से ही दंगा है | अब ख़ुद से ही दंगा है | ||
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हे ईश्वर! | हे ईश्वर! | ||
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इस ख़ूनी उबाल से बचा हमें | इस ख़ूनी उबाल से बचा हमें | ||
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अल्लाह, बुद्ध और ईसा के बच्चे | अल्लाह, बुद्ध और ईसा के बच्चे | ||
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जिन्हें रला-मिला दिया गया था प्रसूतिगृह में ही | जिन्हें रला-मिला दिया गया था प्रसूतिगृह में ही | ||
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बिना टैग के हैं | बिना टैग के हैं | ||
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जीवन और सौन्दर्य की तरह... | जीवन और सौन्दर्य की तरह... | ||
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01:33, 17 फ़रवरी 2009 का अवतरण
बाकू के
एक प्रसूतिगृह के दरवाज़े पर
एक बूढ़ी आया ने
दंगाइयों को धमकाते हुए कहा--
हटो, पीछे हटो,
मैं हमेशा ही रला-मिला देती थी
शिशुओं के हाथों में बंधे टैग
अब यह जानना बेहद कठिन है
कि तुममें कौन है अरमेनियाई
और कौन अज़रबैजानी...
और दंगाई...
साइकिल की चेन, ईंट-पत्थरों, चाकू-छुरियों
और लोहे की छड़ों से लैस दंगाई
पीछे हट गए
पर उनमें से कुछ चीखे--छिनाल
उस बुढ़िया की
पीठ के पीछे छिपे हुए थे
डरे हुए लोग
और रिरिया रहे थे अपनी जाति से अनजान
हममें से हर एक की रगों में
रक्त का है सम्मिश्रण
हर यहूदी अरब भी है
हर अरब है यहूदी
और यदि कभी कोई भीगा किसी के रक्त में
तो मूर्खतावश, अंधा होकर
भीगा अपने ही रक्त में
एक ही प्रसूतिगृह के हैं हम
पर प्रभु ने बदल डाले हमारे टैग
हमारे जनम के कठिन दौर के पहले ही
और हमारा हर दंगा
अब ख़ुद से ही दंगा है
हे ईश्वर!
इस ख़ूनी उबाल से बचा हमें
अल्लाह, बुद्ध और ईसा के बच्चे
जिन्हें रला-मिला दिया गया था प्रसूतिगृह में ही
बिना टैग के हैं
जीवन और सौन्दर्य की तरह...