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पुरानी रोशनी में और नई में फ़र्क़ है इतना
उसे कश्ती नहीं मिलती इसे साहिल नहीं मिलता
*
दिल में अब नूरे-ख़ुदा के दिन गयेगएहड्डियों में फॉसफ़ोरस देखियेदेखिए
*
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नूरे इस्लाम ने समझा था मुनासिब पर्दा
शमएशमा -ए -ख़ामोश को फ़ानूस की हाजत क्या है
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