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"वो शख्स अब मेरा पुराना मकान छोड़े/ मासूम शायर" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: वो शख्स अब मेरा पुराना मकान छोडे मेरे दिल से निकले मेरी ये जान छोड...)
 
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वो शख्स अब मेरा पुराना मकान छोडे
 
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मेरे दिल से निकले मेरी ये जान छोडे
 
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दुश्मनो को मौका तब ही कहीं मिलेगा
 
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मेरी ये जान पहले मेरा मेहरबान छोडे
 
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मेरी हर एक शह पर क़ब्ज़ा सा किया है
 
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मेरी ज़मीन छोडे ना वो आसमान छोडे
 
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ख़ौफ़ भी दिया मुझे ज़िंदगी भी बक्शी
 
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सब तीर आजू बाजू मेरे तान तान छोडे
 
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वो प्यार अब नही है कैसे बताऊं इसको
 
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आज तक भी दिल ना वो दास्तान छोडे
 
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झूठी सी चार बातें कहने की आरज़ू है
 
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मेरी रूह से कहो तुम मेरी ज़ुबान छोडे
 
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जीते जी ये चाहा हां उसकी सुन सकूँ मैं
 
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जो भी मुझे जला दे मेरे ये कान छोडे
 
जो भी मुझे जला दे मेरे ये कान छोडे
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छोटी सी जान दे दी की वो सुकूं पाए
 
छोटी सी जान दे दी की वो सुकूं पाए
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उसके मन को कैसे मन परेशान छोडे
 
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दुनिया जहां तू जिस शख्स के लिए है
 
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तेरे लिए भी कैसे दुनिया जहान छोडे
 
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दिल में तेरी यादें आँखों में ख्वाब तेरे
 
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मासूम जा रहा है तो कहाँ समान छोडे
 
मासूम जा रहा है तो कहाँ समान छोडे

07:33, 21 फ़रवरी 2009 का अवतरण

वो शख्स अब मेरा पुराना मकान छोडे

मेरे दिल से निकले मेरी ये जान छोडे


दुश्मनो को मौका तब ही कहीं मिलेगा

मेरी ये जान पहले मेरा मेहरबान छोडे


मेरी हर एक शह पर क़ब्ज़ा सा किया है

मेरी ज़मीन छोडे ना वो आसमान छोडे


ख़ौफ़ भी दिया मुझे ज़िंदगी भी बक्शी

सब तीर आजू बाजू मेरे तान तान छोडे


वो प्यार अब नही है कैसे बताऊं इसको

आज तक भी दिल ना वो दास्तान छोडे


झूठी सी चार बातें कहने की आरज़ू है

मेरी रूह से कहो तुम मेरी ज़ुबान छोडे


जीते जी ये चाहा हां उसकी सुन सकूँ मैं

जो भी मुझे जला दे मेरे ये कान छोडे


छोटी सी जान दे दी की वो सुकूं पाए

उसके मन को कैसे मन परेशान छोडे


दुनिया जहां तू जिस शख्स के लिए है

तेरे लिए भी कैसे दुनिया जहान छोडे


दिल में तेरी यादें आँखों में ख्वाब तेरे

मासूम जा रहा है तो कहाँ समान छोडे