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"अख़लाक़ न बरतेंगे मुदारा न करेंगे / जॉन एलिया" के अवतरणों में अंतर

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इसलाह मगर हम भी अब इसलाह न करेंगे
 
इसलाह मगर हम भी अब इसलाह न करेंगे
  
 
कमगोई के एक वस्फ़-ए-हिमाक़त है बहर तो  
 
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कमगोई को अपनाएँगे चहाका न करेंगे
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अब सहल पसंदी को बनाएँगे वातिरा  
 
अब सहल पसंदी को बनाएँगे वातिरा  
 
ता देर किसी बाब में सोचा न करेंगे
 
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गुस्सा भी है तहज़ीब-ए-ताल्लूक़ का तलबगार  
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हम चुप हैं भरे बैठे हैं गुस्सा न करेंगे
 
हम चुप हैं भरे बैठे हैं गुस्सा न करेंगे
  
कल रात बहुत गौर किया है सो हम ए "जॉन"  
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कल रात बहुत ग़ौर् किया है सो हम ए "जॉन"  
 
तय कर के उठे हैं के तमन्ना न करेंगे
 
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20:12, 21 फ़रवरी 2009 का अवतरण

अख़लाक़ न बरतेंगे मुदारा न करेंगे
अब हम किसी शख़्स की परवाह न करेंगे

कुछ लोग कई लफ़्ज़ ग़लत बोल रहे हैं
इसलाह मगर हम भी अब इसलाह न करेंगे

कमगोई के एक वस्फ़-ए-हिमाक़त है बहर तो
कमगोई को अपनाएँगे चहका न करेंगे

अब सहल पसंदी को बनाएँगे वातिरा
ता देर किसी बाब में सोचा न करेंगे

ग़ुस्सा भी है तहज़ीब-ए-तआल्लुक़ का तलबगार
हम चुप हैं भरे बैठे हैं गुस्सा न करेंगे

कल रात बहुत ग़ौर् किया है सो हम ए "जॉन"
तय कर के उठे हैं के तमन्ना न करेंगे