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"जो जंजीरें खुलीं / हरकीरत हकीर" के अवतरणों में अंतर
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− | रात आसमाँ के घर | + | रात आसमाँ के घर नज़्म मेहमाँ बनी |
चाँदनी रातभर साथ जाम पीती रही | चाँदनी रातभर साथ जाम पीती रही | ||
− | बादलों ने जिस्म़ से | + | बादलों ने जिस्म़ से जँज़ीरें जो खोलीं |
− | + | नज़्म सिमटकर हुई छुईमुई-छुईमुई | |
− | ख्वाबों ने | + | ख्वाबों ने नज़्मों का ज़खीरा बुना |
हरफ रातभर झोली में सजते रहे | हरफ रातभर झोली में सजते रहे | ||
नज्म़ टाँकती रही शब्द आसमाँ में | नज्म़ टाँकती रही शब्द आसमाँ में | ||
− | आसमाँ जिस्म़ पे | + | आसमाँ जिस्म़ पे ग़ज़ल लिखता रहा |
वक्त पलकों की कश्ती पे होके सवार | वक्त पलकों की कश्ती पे होके सवार | ||
इश्क के रास्तों से गुज़रता रहा | इश्क के रास्तों से गुज़रता रहा | ||
तारों ने झुक के जो छुआ लबों को | तारों ने झुक के जो छुआ लबों को | ||
− | + | नज़्म शरमा के हुई छुईमुई-छुईमुई | |
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02:36, 1 मार्च 2009 के समय का अवतरण
रात आसमाँ के घर नज़्म मेहमाँ बनी
चाँदनी रातभर साथ जाम पीती रही
बादलों ने जिस्म़ से जँज़ीरें जो खोलीं
नज़्म सिमटकर हुई छुईमुई-छुईमुई
ख्वाबों ने नज़्मों का ज़खीरा बुना
हरफ रातभर झोली में सजते रहे
नज्म़ टाँकती रही शब्द आसमाँ में
आसमाँ जिस्म़ पे ग़ज़ल लिखता रहा
वक्त पलकों की कश्ती पे होके सवार
इश्क के रास्तों से गुज़रता रहा
तारों ने झुक के जो छुआ लबों को
नज़्म शरमा के हुई छुईमुई-छुईमुई