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नयन

मेरे नयन
शांत कभी थे ही नहीं
सागर के उस विस्तार को देखते हुए
जिसमें मैं डूब रहा था
अंततः
सफेद झाग उठा
भागते हुए कालेपन की ओर

सब मिट गया


(मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी)