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"अब तेरी सरन आयो राम / मलूकदास" के अवतरणों में अंतर

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23:40, 10 मार्च 2009 का अवतरण

अब तेरी सरन आयो राम॥१॥
जबै सुनियो साधके मुख, पतित पावन नाम॥२॥
यही जान पुकार कीन्ही अति सतायो काम॥३॥
बिषयसेती भयो आजिज कह मलूक गुलाम॥४॥