भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"प्रेम-3 / अर्चना भैंसारे" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अर्चना भैंसारे |संग्रह= }} <Poem> क्या तुम जानते हो आ...)
(कोई अंतर नहीं)

14:19, 19 मार्च 2009 का अवतरण

क्या तुम जानते हो
आजकल
बाँटने लगी हूँ
मैं भी
तुम्हारी ही तरह
और
महसूसती हूँ कि
मेरा आँचल
तुम्हारे आकाश-सा
फैल रहा है...