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हिज्जे
किरण अंतिम अस्त होती है<br><br>
दीप निष्ठा का लिये निष्कम्पनिष्कंप<br>वज्र टूटे या उठे भूकम्पभूकंप<br>
यह बराबर का नहीं है युद्ध<br>
हम निहत्थे, शत्रु है सन्नद्ध<br>
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