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"जब चंद्र॰॰॰ / ज़्देन्येक वागनेर" के अवतरणों में अंतर

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(नयी कविता)
 
(कोई अंतर नहीं)

02:03, 12 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

जब शाम को चंद्र आ रहा है
और सूर्य सोने जा रहा है
तब मेरा दिल तेरे होंठों से
चेरी का स्वाद लेना चाहता है।


और अब यही कविता चेक भाषा में

Když měsíc...



Když měsíc vychází
a slunce šlo už spát,
jahody ze rtů tvých
já toužím ochutnat.