भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पंडिज्जी / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञेय }} <poem> अरे भैया, पंडिज्जी ने पोथी बन्द कर द...)
(कोई अंतर नहीं)

02:27, 14 अप्रैल 2009 का अवतरण



अरे भैया, पंडिज्जी ने पोथी बन्द कर दी है।
पंडिज्जी ने चश्मा उतार लिया है
पंडिज्जी ने आँखें मूँद ली हैं
पंडिज्जी चुप-से हो गये हैं।
भैया, इस समय
पंडिज्जी
फ़कत आदमी हैं।