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हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गिरधर राठी }} <poem> अब हो कब हो शाम सूरज डूबे दिये जल...) |
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अब हो कब हो शाम
सूरज डूबे
दिये जलाएँ !