भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अनुपस्थित / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
ऋषभ देव शर्मा (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा |संग्रह= }} <Poem> शहतूत की पत्ती पर रे...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:53, 22 अप्रैल 2009 का अवतरण
शहतूत की पत्ती पर
रेशम के कीड़े हैं,
भारत के स्विट्ज़रलैंड में
बकरी हैं, भेड़ें हैं,
गूजर हैं, बकरवाल हैं,
पंडित हैं, शेख हैं,
सेव और बादाम हैं,
पश्मीना है और केसर भी.
चष्मों का जल आज भी
पहले सा ठंडा और मीठा है.
पर एक चीज है
जो सिरे से गायब है -
एक उन्मुक्त संगीत
जो दम तोड़ रहा है
`पाकिस्तान जि़ंदाबाद` के
बोझ तले !