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"सपना / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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मेरे पिता ने
 
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देखा था
 
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एक सपना
 
एक सपना
 
 
कि हवाएँ  आज़ाद होंगी ....
 
कि हवाएँ  आज़ाद होंगी ....
 
 
और वे हो गईं.
 
और वे हो गईं.
 
  
 
फिर मैंने
 
फिर मैंने
 
 
देखा एक सपना
 
देखा एक सपना
 
 
कि
 
कि
 
 
महक बसेगी
 
महक बसेगी
 
 
मेरी साँसों  में ....
 
मेरी साँसों  में ....
 
 
और मेरे नथुने
 
और मेरे नथुने
 
 
भिड़ गए आपस में
 
भिड़ गए आपस में
 
 
मुझे ही कुरुक्षेत्र बनाकर
 
मुझे ही कुरुक्षेत्र बनाकर
 
  
 
अब मेरा बेटा
 
अब मेरा बेटा
 
 
देख रहा है एक सपना
 
देख रहा है एक सपना
 
 
कि हज़ार गुलाब फिर चटखेंगे
 
कि हज़ार गुलाब फिर चटखेंगे
 
 
पर उसे क्या मालूम कि
 
पर उसे क्या मालूम कि
 
 
अब की बार
 
अब की बार
 
 
गुलाबों में
 
गुलाबों में
 
 
महक नहीं होगी !
 
महक नहीं होगी !
 
 
 
 
 
 
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03:38, 22 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

मेरे पिता ने
देखा था
एक सपना
कि हवाएँ आज़ाद होंगी ....
और वे हो गईं.

फिर मैंने
देखा एक सपना
कि
महक बसेगी
मेरी साँसों में ....
और मेरे नथुने
भिड़ गए आपस में
मुझे ही कुरुक्षेत्र बनाकर

अब मेरा बेटा
देख रहा है एक सपना
कि हज़ार गुलाब फिर चटखेंगे
पर उसे क्या मालूम कि
अब की बार
गुलाबों में
महक नहीं होगी !