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राजा के अगनवा चन्दन का विरवा /बुन्देली
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12:51, 25 अप्रैल 2009
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<Poem>
राजा का अगनवा चन्दन का
विरव
विरवा
अछर बिछर ओखी डार हो
वो ही तरे पूरे बबुआ सोना संकल्पै
अनिल जनविजय
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