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"खिसक गयी है धूप / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर

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23:44, 25 अप्रैल 2009 का अवतरण


पैताने से धीरे-धीरे खिसक गयी है धूप। सिरहाने रखे हैं पीले गुलाब।

क्या नहीं तुम्हें भी दिखा इनका जोड़- दर्द तुम में भी उभरा?