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"गीत हैं मेरे सभी उनको सुनाने के लिए / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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01:17, 26 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण
गीत हैं मेरे सभी उनकों सुनाने के लिए
तेवरी मेरी सभी तुमको जगाने के लिए
रक्त मेरा चाहिए तो शौक़ से ले जाइए
सिर्फ़ स्याही चाहिए अक्षर उगाने के लिए
रात सबकी चाँद नी में स्नान कर फूले-फले
यह पसीना ही मुझे काफ़ी नहाने के लिए
धर लिया ज्वालामुखी अब लेखनी की नोंक पर
सूर्य की किरणें चलीं लावा बहाने के लिए
शीत लहरों के शहर में सनसनी सी फैलती
धूप ने कविता लिखी है गुनगुनाने के लिए.