भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"हवा में / विष्णु नागर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
हेमंत जोशी (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विष्णु नागर }} <poem> हवा में उड़ गये उसके कपड़े उड़न...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
03:13, 26 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण
हवा में उड़ गये उसके कपड़े
उड़ने दो, हवा में उड़े हैं।