७,त्रिपदा अगीत गज़ल --त्रिपदा अगीत की मालिका,प्रथम छन्द की तीनों पन्क्तियों मैं वही अन्त्यानुप्रास,अन्य मैं अन्तिम पन्क्ति मैं वही शब्द आव्रत्ति ।
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आदरणीय भाई श्याम गुप्त जी!
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सादर
अनिल जनविजय
सम्पादक
कविता कोश